नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की, भारत से भी है गहरा नाता

काठमांडू, 12 सितंबर 2025 – नेपाल के राजनीतिक संकट के बीच देश को उसकी पहली महिला प्रधानमंत्री मिल गई हैं। नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को शुक्रवार देर रात राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई गई। वह अब अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर देश का नेतृत्व करेंगी।

 

सूत्रों के अनुसार, तख्तापलट के तीन दिन बाद आर्मी, राष्ट्रपति और Gen-Z नेताओं के बीच हुई कई बैठकों के बाद सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनी। अब वह अंतरिम मंत्रिपरिषद के गठन और संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगी। शुरुआत में छोटा मंत्रिमंडल बनाया जाएगा, लेकिन इसके सदस्यों के नाम अभी घोषित नहीं किए गए हैं।

 

73 वर्षीय सुशीला कार्की अपने ईमानदार छवि और भ्रष्टाचार विरोधी कड़े रुख के लिए जानी जाती हैं। इससे पहले वह नेपाल की पहली और अब तक की अकेली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं। उन्होंने 11 जुलाई 2016 को इस पद की शपथ ली थी। उस समय उनकी नियुक्ति का समर्थन तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी किया था।

 

भारत से जुड़ा है खास रिश्ता

 

सुशीला कार्की का भारत से भी गहरा नाता रहा है। उन्होंने अपनी पढ़ाई बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से की है। BHU से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया। यही वजह है कि उनका भारत से एक विशेष संबंध माना जाता है।

 

नेपाल में आंदोलन के बाद बदली राजनीति

 

नेपाल में बीते दिनों हुए बड़े प्रदर्शनों ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए। सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ यह आंदोलन जल्द ही भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन में बदल गया। हालात इतने बिगड़े कि हिंसा और जनदबाव के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद ही अंतरिम सरकार के रूप में सुशीला कार्की को देश की बागडोर सौंपी गई।

 

नेपाल की जनता अब उम्मीद लगाए बैठी है कि पहली महिला प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश को राजनीतिक स्थिरता और भ्रष्टाचार से मुक्ति की नई दिशा मिलेगी।

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