गृह मंत्रालय ने पवन सिंह को Y / Y+ सुरक्षा प्रदान की….

पटना / नई दिल्ली, 8 अक्टूबर 2025

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भोजपुरी स्टार व सार्वजनिक हस्ती पवन सिंह को Y (कुछ रिपोर्टों में Y+) श्रेणी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया है। यह कदम इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) द्वारा प्रस्तुत की गई खतरा–अनुभूति (Threat Perception) रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है।

 

 

 

सुरक्षा के विवरण

 

गृह मंत्रालय के सूत्रों की माने तो यह सुरक्षा व्यवस्था CRPF कमांडो के माध्यम से लागू की जाएगी।

 

आम तौर पर Y श्रेणी की सुरक्षा में 8–11 सुरक्षाकर्मी (PSO + कमांडो) शामिल होते हैं।

 

समाचारों में यह बताया गया है कि 11 जवान इस सुरक्षा डिटेल का हिस्सा रहेंगे।

 

सुरक्षा तैनाती में रोटेशन प्रणाली लागू होगी — कुछ जवान स्थिर तैनात रहेंगे, जबकि अन्य स्क्वाड यात्रा और सार्वजनिक कार्यक्रमों में साथ रहेंगे।

 

 

 

 

कारण एवं पृष्ठभूमि

 

सूत्रों के अनुसार, IB की रिपोर्ट ने पवन सिंह की बढ़ती सार्वजनिक एवं राजनीतिक सक्रियता को देखते हुए सुरक्षा की संवेदनशील स्थिति दर्शाई।

 

खबरों में यह भी कहा गया है कि पवन सिंह हाल ही में भाजपा नेताओं से मिले हैं और राजनीतिक समीकरणों में लौटने की अटकलें तेज हो गई थीं।

 

सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय चुनावी माहौल को देखते हुए भी लिया गया है क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं।

 

मीडिया रिपोर्टों में यह कहा गया है कि पवन सिंह हाल ही में एक वायरल वीडियो और विवादों की वजह से भी निशाने पर रहे थे, जिसे लेकर धमकियाँ मिली थीं।

 

 

 

 

राजनीतिक असर और चुनौतियाँ

 

पवन सिंह की पुनः भाजपा से जुड़ने की अटकलें हैं, और सुरक्षा वृद्धि को राजनीतिक मजबूत दांव माना जा रहा है।

 

विपक्षी दलों में इस कदम को लेकर सवाल उठे हैं कि कहीं इसे राजनीतिक संरक्षण या अन्य लाभ के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा।

 

सुरक्षा बढ़ने के बाद सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनका शेड्यूल, मीडिया संपर्क और रूट मैनेजमेंट प्रभावित हो सकते हैं।

 

यदि उनके सुरक्षा कवच की समीक्षा समय-समय पर नहीं हुई, तो जोखिमप्रद स्थिति बनी रह सकती है।

 

 

 

 

निष्कर्ष

 

पवन सिंह को Y / Y+ श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने का फैसला एक नाजुक संतुलन दर्शाता है — जहाँ सुरक्षा एजेंसियों ने खतरे की गंभीरता को मान्यता दी है, वहीं राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण यह कदम अधिक ध्यान में आया है। गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका आगे और स्पष्ट होगी, विशेषकर अगर सार्वजनिक बयानों या आधिकारिक पुष्टि की ओर रुख किया जाए।

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